SEBA Class 9 Hindi Chapter 9 खाने-खिलाने का राष्ट्रीय शौक प्रश्न और उत्तर Khane-Khilane ka Rashtriya Shauk – Ambar Bhag 1 Solutions | Assam Eduverse
Chapter Overview:
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SEBA / ASSEB Class 9 Hindi – Chapter 9 खाने-खिलाने का राष्ट्रीय शौक Complete Solutions, Summary & Question Answers | Khane-Khilane ka Rashtriya Shauk Solutions
बोध एवं विचार
प्रश्न 1: सही विकल्प का चयन कीजिए –
(क) ‘खाने-खिलाने का राष्ट्रीय शौक’ किस प्रकार की रचना है ?
(i) कहानी
(ii) संस्मरण
(iii) रेखाचित्र
(iv) व्यंग्यात्मक लेख
उत्तर: (iv) व्यंग्यात्मक लेख
(ख) पुराने हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार किसके द्वारा हुआ है ?
(i) लेखक
(ii) सेठ हीरामल
(iii) मंदिर के पुजारी
(iv) वित्तमंत्री
उत्तर: (ii) सेठ हीरामल
(ग) लेखक को श्यामलाल जी का फोन नंबर कहाँ से प्राप्त हुआ ?
(i) सेठ हीरामल से
(ii) टेलीफोन बूथ से
(iii) मंदिर के पुजारी से
(iv) टेलीफोन डायरेक्टरी से
उत्तर: (iv) टेलीफोन डायरेक्टरी से
(घ) ‘तुरंत दान महाकल्याण’ की नसीहत लेखक को किसने दी ?
(i) सेठ हीरामल ने
(ii) मंदिर के पुजारी ने
(iii) लेखक के दोस्तों ने
(iv) लेखक के घरवालों ने
उत्तर: (ii) मंदिर के पुजारी ने
प्रश्न 2. पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए :
(क) ‘खाना-खिलाना’ किसका प्रिय शौक है ?
उत्तर: ‘खाना-खिलाना’ लेखक और उनके दोस्तों का प्रिय शौक है।
(ख) लेखक किस बात पर अपने दोस्तों से कन्नी काट जाता है ?
उत्तर: लेखक अपने दोस्तों से भोज देने की बात पर कन्नी काट जाता है।
(ग) लेखक किस कार्यक्रम को सेठ हीरामल जी से स्पॉन्सर कराना चाहता है ?
उत्तर: लेखक अपने पुत्र के जन्मदिन के कार्यक्रम को सेठ हीरामल जी से स्पॉन्सर कराना चाहता है।
(घ) लेखक अपने अनूठे और मौलिक आइडिया को किसे बेचना चाहता है ?
उत्तर: लेखक अपने अनूठे और मौलिक आइडिया को वित्तमंत्री को बेचना चाहता है।
(ङ) लेखक अपने पुत्र के जन्मोत्सव कार्यक्रम की ‘होर्डिंग’ पर क्या लिखवाना चाहता है?
उत्तर: लेखक अपने पुत्र के जन्मोत्सव कार्यक्रम की ‘होर्डिंग’ पर ‘देश के भविष्य का भविष्य उज्ज्वल’ लिखवाना चाहता है।
(च) सेठ हीरामल किन लोगों से अच्छी तरह बातचीत करते हैं?
उत्तर: सेठ हीरामल उन लोगों से अच्छी तरह बातचीत करते हैं, जिनसे उन्हें कोई फायदा होने की उम्मीद हो।
(छ) लेखक को सेठ हीरामल से बात करने के लिए किसका स्वाँग भरना पड़ा ?
उत्तर: लेखक को सेठ हीरामल से बात करने के लिए ‘एक महान राष्ट्रीय संस्था का सचिव’ बनकर स्वाँग भरना पड़ा।
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए :
(क) हमारे समाज में किन-किन अवसरों पर सामूहिक भोज का आयोजन किया जाता है ?
उत्तर: हमारे समाज में जन्मदिन, शादी, ब्याह, मुंडन, त्योहारों और अन्य धार्मिक एवं सामाजिक अवसरों पर सामूहिक भोज का आयोजन किया जाता है।
(ख) लेखक की पत्नी ने क्या सुझाव दिया ?
उत्तर: लेखक की पत्नी ने सुझाव दिया कि क्यों न वह अपने पुत्र के जन्मदिन का जश्न किसी सेठ से करवा लें, जो इस तरह के खर्च उठाने का शौक रखते हैं।
(ग) लेखक के अनुसार बड़े लोग कहाँ-कहाँ पाए जाते हैं ?
उत्तर: लेखक के अनुसार बड़े लोग पुरानी मूर्तियों के जीर्णोद्धार, मंदिरों के निर्माण और धर्म-कर्म के कामों में पाए जाते हैं।
(घ) लेखक ने सेठ हीरामल के सामने क्या प्रस्ताव रखा ?
उत्तर: लेखक ने सेठ हीरामल के सामने यह प्रस्ताव रखा कि वे उनके पुत्र के जन्मदिन के कार्यक्रम को स्पॉन्सर करें और उन्हें इस नेक काम के लिए समाज में पहचान मिलेगी।
(ङ) लेखक अपनी किस युक्ति को ‘थ्री-इन-वन’ कहता है और क्यों ?
उत्तर: लेखक अपनी उस युक्ति को ‘थ्री-इन-वन’ कहता है, जिसमें एक ही कार्यक्रम से तीन काम हो सकते हैं:
- बेटे का जन्मदिन मनाना।
- समाज में पहचान और सम्मान पाना।
- देश के प्रति प्रेम जताना।
(च) सेठ हीरामल किन शर्तों पर लेखक की मदद करना चाहते हैं ?
उत्तर: सेठ हीरामल लेखक की मदद इस शर्त पर करना चाहते हैं कि वे अपनी ‘होर्डिंग’ पर उनके नए ब्रांड की चाय का प्रचार करेंगे।
(छ) लेखक ने ‘हलुआ संस्कृति’ किसे कहा है?
उत्तर: लेखक ने ‘हलुआ संस्कृति’ उस संस्कृति को कहा है जहाँ बड़े लोग गरीबों के नाम पर धार्मिक कार्य, जैसे भंडारे और हलुआ का वितरण करके अपनी छवि चमकाते हैं।
(ज) लेखक को पुजारी के साथ हमदर्दी क्यों जतानी पड़ी ?
उत्तर: लेखक को पुजारी के साथ हमदर्दी इसलिए जतानी पड़ी क्योंकि पुजारी ने सेठ हीरामल की तारीफ की थी और लेखक को लगा कि पुजारी भी सेठ के कारण दुखी है।
(झ) पुजारी ने सेठ हीरामल की किन-किन चारित्रिक विशेषताओं का बखान किया ?
उत्तर: पुजारी ने सेठ हीरामल की निम्नलिखित चारित्रिक विशेषताओं का बखान किया:
- वे बहुत बड़े दानवीर हैं।
- उनकी दरियादिली का कोई ठिकाना नहीं है।
- वे तुरंत दान महाकल्याण की नसीहत मानते हैं।
- वे धार्मिक काम करने का दिखावा करते हैं।
(ञ) लेखक ने चवन्नी मानसिकता का नमूना किसे कहा है और क्यों ?
उत्तर: लेखक ने चवन्नी मानसिकता का नमूना टेलीफोन डायरेक्टरी को कहा है, क्योंकि उसमें लोगों के नाम के साथ-साथ उनके स्टेटस और हैसियत का भी उल्लेख होता है, जो समाज की सोच को दर्शाता है।
आशय स्पष्ट कीजिए
प्रश्न (क) इसमें ऐसे-ऐसे नंबर होते हैं, जो हवाला की मशहूर डायरी-सा सिर्फ सच का संकेत-भर देते हैं।
उत्तर: इस पंक्ति का आशय यह है कि टेलीफोन डायरेक्टरी में ऐसे नंबर और नाम होते हैं जो सही जानकारी नहीं देते। वे केवल संकेत देते हैं, जैसे हवाला की डायरी में असली सच छुपा होता है।
प्रश्न (ख) हमारा खाना-खिलाना विवशता का एक ऐसा दुश्चक्र है, जो सिर्फ उधार से चलता है।
उत्तर: इस पंक्ति का आशय यह है कि समाज में अपनी हैसियत दिखाने के लिए लोग समारोहों में खूब पैसा खर्च करते हैं। यह एक मजबूरी बन गई है। यह पैसा अक्सर उनके पास नहीं होता, इसलिए वे उधार लेते हैं। इस तरह एक दुश्चक्र चलता रहता है, जहाँ लोग केवल दिखावे के लिए जीते हैं।
प्रश्न (ग) हमारी बाजारू साख हमारी अमीरी का सबूत है।
उत्तर: इस पंक्ति का आशय यह है कि आज के समाज में किसी व्यक्ति की अमीरी का पता उसके बैंक बैलेंस से नहीं, बल्कि उसकी बाजारू साख से चलता है। बाजार में उसकी कितनी इज्जत है और उसे कितनी आसानी से उधार मिल जाता है, यही उसकी अमीरी का सबूत है।
प्रश्न (घ) ‘पैसा पैसे को खींचता है और हलुआ हलुए को।’
उत्तर: इस पंक्ति का आशय यह है कि पैसा हमेशा ज्यादा पैसे को आकर्षित करता है, जबकि हलुआ (यानी दिखावे का काम) उसी तरह के अन्य दिखावों को आकर्षित करता है। इसका मतलब है कि धनी लोग उन्हीं लोगों को पैसे देते हैं जहाँ उन्हें और ज्यादा फायदा होने की उम्मीद हो।
प्रश्न 5 किसने, किससे और किस प्रसंग में कहा है ?
(क) घर का पहला कुल-दीपक है। कुछ तो करना ही पड़ेगा।
उत्तर: यह कथन लेखक ने अपनी पत्नी से कहा था, जब उसकी पत्नी ने पुत्र के जन्मदिन के लिए कुछ करने का सुझाव दिया था।
(ख) बेकारी भुगतने से तो पुजारी होना बेहतर है।
उत्तर: यह कथन लेखक ने खुद से कहा था, जब वह सेठ हीरामल से मिलने की कोशिश कर रहा था और बार-बार असफल हो रहा था।
(ग) हम आपको चौबे जन्म-समारोह का ‘स्पॉन्सर’ बनाएँगे।
उत्तर: यह कथन लेखक ने सेठ हीरामल से फोन पर कहा था, जब वह अपने बेटे के जन्मदिन के लिए उनसे मदद मांग रहा था।
(घ) हमारा फलसफा इस हाथ ले, उस हाथ दे का है।
उत्तर: यह कथन सेठ हीरामल के पी.ए. ने लेखक से कहा था, जब लेखक सेठ से मिलने की कोशिश कर रहा था। इसका मतलब था कि सेठ केवल उन्हीं लोगों की मदद करते हैं, जिनसे उन्हें भी बदले में कुछ फायदा हो।
भाषा एवं व्याकरण
प्रश्न 1. पाठ में आए इन मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्यों में प्रयोग कीजिए :
कन्नी काटना: आँख बचाकर निकल जाना।
वाक्य: जब मैंने उससे पैसे मांगे तो वह मुझसे कन्नी काटने लगा।
कमर कसना: अच्छी तरह तैयार होना।
वाक्य: परीक्षा की तैयारी के लिए मैंने कमर कस ली है।
सिक्का जमाना: धाक जमाना, प्रभाव डालना।
वाक्य: जुम्मन ने पंचायत में अपना सिक्का जमा दिया।
धता बताना: किसी को मूर्ख बनाकर निकल जाना।
वाक्य: वह धता बताकर चला गया।
स्वर्ग सिधारना: मर जाना।
वाक्य: उसके दादाजी पिछले महीने स्वर्ग सिधार गए।
मुरीद बनाना: किसी को अपना प्रशंसक बनाना।
वाक्य: अपनी बातों से उसने सभी को अपना मुरीद बना लिया।
सीधे मुँह बात करना: सम्मान से बात करना।
वाक्य: जबसे उसकी लॉटरी लगी है, वह किसी से सीधे मुँह बात नहीं करता।
बगुला भगत: कपटी, ढोंगी व्यक्ति।
वाक्य: वह अपने दोस्तों के सामने बगुला भगत बनता है।
प्रश्न 2. निम्नलखित अरबी/फारसी शब्दों के कुछ विशेष अक्षरों के नीचे नुक्ता लगाकर लिखने का अभ्यास कीजिए :
कफ़न, ख़्वाहिश, फ़ज़ल, जेलख़ाना, परहेज़, इंतेज़ाम, फ़क़ीर, नाज़ुक, नज़ाकत, इजलास, दफ़्तर, तारीख़, हुक्म, ख़ामोश, जागीर, ग़ज़ल, काग़ज।
प्रश्न 3. पाठ से आप दस यौगिक शब्दों को लिखिए और उनका वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
वित्तमंत्री: हमारे वित्तमंत्री ने इस साल का बजट पेश किया है।
जन्मदिन: मैंने अपने जन्मदिन पर एक बड़ा केक काटा।
टेलीफोन-डायरेक्टरी: मुझे टेलीफोन-डायरेक्टरी से उसका नंबर मिला।
दफ्तर-शाही: दफ्तर-शाही की वजह से मेरा काम रुक गया।
हलुआ-हमाम: सेठ जी ने हलुआ-हमाम का खूब प्रचार किया।
जन्म-समारोह: उसके बेटे का जन्म-समारोह धूमधाम से मनाया गया।
होर्डिंग-पेंटर: होर्डिंग-पेंटर ने बहुत सुंदर होर्डिंग बनाया।
साख-पत्री: मेरी साख-पत्री देखकर उन्होंने मुझे उधार दे दिया।
पैसे-पैसे: उसके पास पैसे-पैसे की कमी नहीं है।
हलुआ-हलुआ: हलुआ-हलुआ का स्वाद बहुत अच्छा था।
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