SEBA Class 9 Hindi Chapter 8 पंच परमेश्वर प्रश्न और उत्तर Panch Parmeshwar – Ambar Bhag 1 Solutions | Assam Eduverse
Chapter Overview:
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SEBA / ASSEB Class 9 Hindi – Chapter 8 पंच परमेश्वर Complete Solutions, Summary & Question Answers | Panch Parmeshwar Solutions
बोध एवं विचार
प्रश्न 1: सही विकल्प का चयन कीजिए –
(क) हज के लिए जाते समय जुम्मन अपना घर सौंप गए थे-
(i) अलगू को
(ii) समञ्जु को
(iii) रामधन मिश्र को
(iv) बटेसर को
उत्तर: (i) अलगू को
(ख) ‘जुम्मन ने स्थानीय कर्मचारी-गृहस्वामी के प्रबंध में दखल देना उचित न समझा।’- इसमें ‘स्थानीय कर्मचारी’ किसके लिए आया है ?
(i) खाला के लिए
(ii) करीमन के लिए
(iii) अगलू के लिए
(iv) जुम्मन के लिए
उत्तर: (i) खाला के लिए
(ग) पिछले साल अलगू चौधरी बैलों की एक बहुत अच्छा जोड़ी लाये थे-
(i) बटेसर से
(ii) समझू साहू से
(iii) रामधन मिश्र से
(iv) जुम्मन से
उत्तर: (ii) समझू साहू से
(घ) समझू साहू ने अपनी ओर से किसे पंच चुना ?
(i) अलगू चौधरी को
(ii) रामधन मिश्र को
(iii) जुम्मन शेख को
(iv) झगडू साहू
उत्तर: (iii) जुम्मन शेख को
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक वाक्य में दीजिए:
(क) जुम्मन के पिता का नाम क्या था ?
उत्तर: जुम्मन के पिता का नाम जुमराती शेख था।
(ख) अलगू ने बचपन में किससे शिक्षा प्राप्त की थी ?
उत्तर: अलगू ने बचपन में जुमराती शेख से शिक्षा प्राप्त की थी।
(ग) ‘विद्या पढ़ने से नहीं आती; जो कुछ होता है, गुरु के आशीर्वाद से होता है।’ यह किसका कथन है ?
उत्तर: यह कथन जुम्मन शेख का है।
(घ) बूढ़ी खाला ने अपनी मिल्कियत किसके नाम रजिस्ट्री कर दी थी ?
उत्तर: बूढ़ी खाला ने अपनी मिल्कियत जुम्मन शेख के नाम रजिस्ट्री कर दी थी।
(ङ) अपने प्रिय बैल के मर जाने पर अलगू को किस पर संदेह हुआ ?
उत्तर: अपने प्रिय बैल के मर जाने पर अलगू को समझू साहू पर संदेह हुआ।
(च) अकेले बैल को अलगू ने किसके हाथ बेच दिया ?
उत्तर: अकेले बैल को अलगू ने समझू साहू के हाथ बेच दिया।
(छ) ‘समझू के लिए उचित है कि बैल का पूरा दाम दें।’- यह फैसला किसने सुनाया ?
उत्तर: यह फैसला अलगू चौधरी ने सुनाया।
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए:
(क) अलगू चौधरी और जुम्मन शेख में कैसी दोस्ती थी ?
उत्तर: अलगू चौधरी और जुम्मन शेख में गहरी दोस्ती थी। उनकी मित्रता इतनी मजबूत थी कि खेती-बाड़ी और लेन-देन के काम में एक-दूसरे पर पूरा भरोसा करते थे। दोनों की आत्मा एक जैसी थी।
(ख) अलगू ने गुरुजी की क्या सेवा की थी ?
उत्तर: अलगू ने गुरुजी की खूब सेवा की थी। उन्होंने उनके बर्तनों को माँजा था, लकड़ियाँ तोड़ी थीं और उनके लिए हर छोटा-बड़ा काम किया था।
(ग) दान-पत्र की रजिस्ट्री होने से पहले खालाजान का किस तरह आदर-सत्कार किया गया था ?
उत्तर: दान-पत्र की रजिस्ट्री होने से पहले खालाजान का खूब आदर-सत्कार किया जाता था। उन्हें तरह-तरह के पकवान खिलाए जाते थे और जुम्मन की पत्नी करीमन भी उनकी खूब सेवा करती थी।
(घ) खालाजान को जुम्मन से क्या शिकायत थी ? उसने पंचायत करने की धमकी क्यों दी ?
उत्तर: दान-पत्र की रजिस्ट्री के बाद जुम्मन और उसकी पत्नी ने खालाजान के साथ बुरा व्यवहार करना शुरू कर दिया था। उन्हें खाने को सूखी रोटियाँ मिलती थीं। इसी शिकायत के कारण उन्होंने जुम्मन को पंचायत करने की धमकी दी।
(ङ) पंचायत कराने की बात सुनकर जुम्मन के मन में डर के बजाय प्रसन्नता का भाव क्यों जाग्रत हुआ?
उत्तर: जुम्मन के मन में डर के बजाय प्रसन्नता का भाव इसलिए जाग्रत हुआ क्योंकि खाला ने अलगू चौधरी को पंच चुना था। जुम्मन सोचता था कि अलगू उसका गहरा दोस्त है, इसलिए वह उसके खिलाफ कोई फैसला नहीं सुनाएगा।
(च) यह जानते हुए कि अलगू जुम्मन का पुराना मित्र है फिर भी खाला ने अलगू को ही पंच क्यों चुना?
उत्तर: खालाजान ने अलगू को पंच इसलिए चुना क्योंकि उन्हें पूरा विश्वास था कि एक पंच के पद पर बैठकर अलगू अपने मित्र की खातिर अन्याय नहीं करेगा। उन्हें पता था कि पंच की गद्दी पर बैठा व्यक्ति निष्पक्ष होकर न्याय करता है।
(छ) अलगू चौधरी ने पंचायत में क्या फैसला सुनाया ?
उत्तर: अलगू चौधरी ने पंचायत में यह फैसला सुनाया कि समझू साहू बैल का पूरा दाम अलगू को दें। उन्होंने यह भी कहा कि बैल की मृत्यु समझू की लापरवाही के कारण हुई है।
(ज) अलगू चौधरी और जुम्मन शेख की दोस्ती में दरार क्यों पड़ गई ?
उत्तर: जब अलगू चौधरी पंच बने, तो उन्होंने जुम्मन के खिलाफ फैसला सुनाया। इस फैसले से जुम्मन को लगा कि अलगू ने अपनी दोस्ती नहीं निभाई। इसी बात को लेकर दोनों की दोस्ती में दरार पड़ गई।
(झ) सरपंच बनाए जाने पर जुम्मन शेख के मन में किस तरह का भाव पैदा हुआ ?
उत्तर: सरपंच बनाए जाने पर जुम्मन शेख के मन में यह भाव पैदा हुआ कि वह अब न्याय की सर्वोच्च गद्दी पर बैठा है। उसने महसूस किया कि यह एक बहुत बड़ा उत्तरदायित्व है। वह अपनी व्यक्तिगत भावना को भूलकर न्याय करने का प्रयास करने लगा।
(ञ) जुम्मन शेख के फैसले पर समाज में क्या प्रतिक्रिया हुई ?
उत्तर: जुम्मन शेख का फैसला सुनकर समाज के सभी लोग हैरान रह गए। सभी ने उसके फैसले की तारीफ की और कहा कि उसके दिल में पंच परमेश्वर का वास है।
(ट) जुम्मन शेख और अलगू चौधरी के बीच मित्रता की मुरझाई लता किस प्रकार फिर से हरी हो गई?
उत्तर: जब जुम्मन पंच बना और उसने अलगू के पक्ष में न्यायसंगत फैसला सुनाया, तो अलगू को यह बात बहुत अच्छी लगी। अलगू जुम्मन के पास गया और उसे गले लगाकर रोने लगा। जुम्मन ने अलगू से कहा कि पंचायत में बैठकर वह अपने मित्र के बजाय न्याय की बात सोच रहा था। यह सुनकर दोनों की दोस्ती फिर से गहरी हो गई।
(ठ) इस कहानी से आप को क्या शिक्षा मिलती है ?
उत्तर: इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि पंच का पद बहुत सम्मानजनक होता है। पंच की गद्दी पर बैठकर व्यक्ति को अपने दोस्त या दुश्मन के बारे में नहीं सोचना चाहिए, बल्कि निष्पक्ष होकर न्याय करना चाहिए। पंच के मन में हमेशा न्याय का भाव होना चाहिए।
प्रश्न 4. आशय स्पष्ट कीजिए :
(क) जुम्मन हँसे, जिस तरह कोई शिकारी हिरन को जाल की तरफ जाते देखकर मन-ही-मन हँसता है।
उत्तर:
आशय: इन पंक्तियों में लेखक यह बताना चाहते हैं कि जब जुम्मन को पता चला कि खाला ने अलगू चौधरी को पंच चुना है, तो उसे बहुत खुशी हुई। उसे लगा कि अलगू उसका पक्का दोस्त है, इसलिए वह जुम्मन के खिलाफ कोई फैसला नहीं देगा। जुम्मन की यह हँसी उसकी जीत की खुशी को दर्शाती है, जैसे कोई शिकारी अपने शिकार को जाल में फँसता देखकर खुश होता है।
(ख) हमारे सोए हुए धर्म-ज्ञान की सारी सम्पत्ति लूट जाए, तो उसे खबर नहीं होती, परन्तु ललकार सुनकर वह सचेत हो जाता है।
उत्तर:
आशय: इन पंक्तियों में लेखक यह कहना चाहते हैं कि जब तक किसी को चुनौती नहीं दी जाती, तब तक उसका विवेक और ज्ञान निष्क्रिय पड़ा रहता है। लेकिन जब उसे किसी गलत काम को करने के लिए ललकारा जाता है या जिम्मेदारी दी जाती है, तो उसका धर्म-ज्ञान जागृत हो जाता है। पंच की गद्दी पर बैठा व्यक्ति भी इसी तरह निष्पक्ष होकर न्याय करने के लिए सचेत हो जाता है।
(ग) पंच न किसी के दोस्त होते हैं, न किसी के दुश्मन।
उत्तर:
आशय: इस पंक्ति का आशय यह है कि जब कोई व्यक्ति पंच बनता है, तो वह अपने पद की गरिमा के कारण व्यक्तिगत संबंधों से ऊपर उठकर निष्पक्ष हो जाता है। वह केवल न्याय की बात सोचता है। वह किसी के प्रति दोस्ती या दुश्मनी का भाव नहीं रखता।
भाषा एवं व्याकरण
(1) निम्नलिखित पुल्लिंग शब्दों में उचित प्रत्यय लगाकर स्त्रीलिंग शब्द बनाइए:
चौधरी – चौधराइन
जेठ – जेठानी
देवर – देवरानी
धोबी – धोबिन
बन्दर – बंदरिया
प्रिय – प्रिया
देव – देवी
महाशय – महोदया
गायक – गायिका
शिक्षक – शिक्षिका
(2) निम्नलिखित वाक्यों को कर्म वाच्य और भाव वाच्य में बदलिए –
(i) अलगू ने गुरुजी की खूब सेवा की।
कर्म वाच्य: अलगू के द्वारा गुरुजी की खूब सेवा की गई।
भाव वाच्य: अलगू से खूब सेवा की गई।
(ii) खाला ने पंचायत करने की धमकी दी।
कर्म वाच्य: खाला के द्वारा पंचायत करने की धमकी दी गई।
भाव वाच्य: खाला से पंचायत करने की धमकी दी गई।
(iii) वह बाजार जाता है।
कर्म वाच्य: उसके द्वारा बाजार जाया जाता है।
भाव वाच्य: उससे बाजार जाया जाता है।
(iv) लड़के खेल रहे हैं।
कर्म वाच्य: लड़कों के द्वारा खेला जा रहा है।
भाव वाच्य: लड़कों से खेला जा रहा है।
(v) जुम्मन ने फैसला सुनाया।
कर्म वाच्य: जुम्मन के द्वारा फैसला सुनाया गया।
भाव वाच्य: जुम्मन से फैसला सुनाया गया।
(vi) मैं पत्र लिखता हूँ।
कर्म वाच्य: मेरे द्वारा पत्र लिखा जाता है।
भाव वाच्य: मुझसे पत्र लिखा जाता है।
(vii) देवजीत ने गाना गाया।
कर्म वाच्य: देवजीत के द्वारा गाना गाया गया।
भाव वाच्य: देवजीत से गाना गाया गया।
(viii) वह धोबी को कपड़े देता है।
कर्म वाच्य: उसके द्वारा धोबी को कपड़े दिए जाते हैं।
भाव वाच्य: उससे धोबी को कपड़े दिए जाते हैं।
(ix) रमेश चल नहीं सकता।
कर्म वाच्य: रमेश के द्वारा चला नहीं जा सकता।
भाव वाच्य: रमेश से चला नहीं जा सकता।
(x) कुत्ते भौंकते हैं।
कर्म वाच्य: कुत्तों के द्वारा भौंका जाता है।
भाव वाच्य: कुत्तों से भौंका जाता है।
(3) नीचे दिए गए समस्त-पदों का विग्रह करते हुए समास का नाम भी लिखिए:
सत्संग: सत् (अच्छे) लोगों का संग (तत्पुरुष समास)
यथाशक्ति: शक्ति के अनुसार (अव्ययीभाव समास)
शाम-सबेरे: शाम और सबेरे (द्वन्द्व समास)
प्राणघातक: प्राण को घातक (तत्पुरुष समास)
भलेमानस: भला है जो मानस (कर्मधारय समास)
देववाणी: देवों की वाणी (तत्पुरुष समास)
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