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SEBA Class 9 Hindi Chapter 7 ओ गंगा बहती हो क्यों प्रश्न और उत्तर O Ganga Behti Ho Kyon – Ambar Bhag 1 Solutions | Assam Eduverse

Chapter Overview:

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SEBA / ASSEB Class 9 Hindi – Chapter 7 ओ गंगा बहती हो क्यों Complete Solutions, Summary & Question Answers | O Ganga Behti Ho Kyon Solutions

बोध एवं विचार

प्रश्न 1: सही विकल्प का चयन कीजिए –

(क) प्रस्तुत गीत मूलतः किस भाषा का है ?
(i) बांग्ला भाषा का
(ii) असमीया भाषा का
(iii) हिन्दी भाषा का
(iv) अंग्रेजी भाषा का
उत्तर: (ii) असमीया भाषा का

(ख) प्रस्तुत गीत का हिंदी अनुवाद किसने किया है ?
(i) पं. नरेंद्र शर्मा
(ii) पं. नरेन्द्र भट्ट
(iii) पं. सुरेन्द्र शर्मा
(iv) कल्पना लाजमी
उत्तर: (i) पं. नरेंद्र शर्मा

(ग) प्रस्तुत गीत एक
(i) देश-भक्ति का गीत है
(ii) राष्ट्रगीत है
(iii) लोकगीत है
(iv) अनुप्रेरणामूलक गीत है
उत्तर: (iv) अनुप्रेरणामूलक गीत है

(घ) इस गीत में गीतकार किससे विनती कर रहे हैं?
(i) देवनदी गंगा से
(ii) ब्रहमपुत्र से
(iii) भगवान से
(iv) देश के निवासियों से
उत्तर: (i) देवनदी गंगा से

(ङ) प्रस्तुत गीत के मूल रूप असमीया भाषा में गंगा के बदले किस नद के नाम आता है ?
(i) वोल्गा
(ii) होांहो
(iii) ब्रहमपुत्र
(iv) नर्मदा
उत्तर: (iii) ब्रह्मपुत्र


प्रश्न 2. रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए :

(क) नैतिकता नष्ट हुई, मानवता भ्रष्ट हुई,
(ख) निर्बल जन को सबल संग्रामी समग्रगामी बनाती नहीं हो क्यों ?
(ग) व्यक्ति रहे व्यक्ति केंद्रित, सकल समाज व्यक्तित्व रहित,
(घ) तुम निश्चय चेतन नहीं, प्राणों में प्रेरणा देती न क्यों ?
(ङ) गंगे जननी नव भारत में, भीष्मरूपी सुत समरजयी जनती नहीं हो क्यों ?


प्रश्न 3. पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए :

(क) ‘ओ गंगा बहती हो क्यों’ शीर्षक गीत के रचयिता और अनुवादक के नाम क्या-क्या हैं?
उत्तर: ‘ओ गंगा बहती हो क्यों’ शीर्षक गीत के रचयिता डॉ. भूपेन हाजरिका हैं और इसका हिंदी अनुवाद पं. नरेंद्र शर्मा ने किया है।

(ख) गीतकार के अनुसार हमारे देश की दशा सुधारने की शक्ति किसमें निहित है ?
उत्तर: गीतकार के अनुसार हमारे देश की दशा सुधारने की शक्ति निर्बल जनों को सबल, संग्रामी और समग्रगामी बनाने में निहित है।

(ग) गीतकार ने गंगा से समाज को बदलने के लिए कैसे पुत्र को जन्म देने का आह्वान किया है?
उत्तर: गीतकार ने गंगा से समाज को बदलने के लिए भीष्म के समान वीर, समरजयी और शक्तिशाली पुत्रों को जन्म देने का आह्वान किया है।

(घ) गीतकार के अनुसार वर्तमान समाज में व्यक्ति का स्वरूप कैसा है?
उत्तर: गीतकार के अनुसार, वर्तमान समाज में व्यक्ति व्यक्ति-केंद्रित है और पूरा समाज व्यक्तित्व-रहित हो गया है।

(ङ) गंगा के किस रूप के कारण गीतकार को उससे शिकायत है ?
उत्तर: गंगा के निःशब्द और निर्लज्ज भाव से बहते रहने के कारण गीतकार को उससे शिकायत है।


प्रश्न 4. संक्षिप्त उत्तर दीजिए :

(क) प्रस्तुत गीत में गीतकार गंगा से क्या विनती करते हैं?
उत्तर: प्रस्तुत गीत में गीतकार गंगा से यह विनती करते हैं कि वह समाज में व्याप्त अनैतिकता, मानवता के पतन, अशिक्षा, भूख और निष्क्रियता को देखकर चुपचाप न बहे, बल्कि इन समस्याओं को दूर करने के लिए प्रेरणा दे।

(ख) इस गीत में गीतकार ने हमारे समाज की कैसी दशा को चित्रित किया है? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर: इस गीत में गीतकार ने हमारे समाज की निष्क्रिय, निराश और पतनशील दशा का चित्रण किया है। समाज में नैतिकता नष्ट हो गई है, मानवता भ्रष्ट हो चुकी है। लोग व्यक्ति-केंद्रित हो गए हैं, जबकि पूरा समाज निष्प्राण और व्यक्तित्व-रहित हो गया है।

(ग) इतिहास हुंकार के साथ पुकारते हुए गंगा से क्या कहता है?
उत्तर: इतिहास हुंकार के साथ पुकारते हुए गंगा से कहता है कि वह निर्बल जनों को सबल, संग्रामी और समग्रगामी बनाए, ताकि वे समाज की दशा को बदल सकें।

(घ) हमारे निर्बल जनों को गीतकार कैसा बनाना चाहते हैं?
उत्तर: गीतकार हमारे निर्बल जनों को सबल, संग्रामी (संघर्षशील) और समग्रगामी (समूह को साथ लेकर चलने वाला) बनाना चाहते हैं।

(ङ) गीतकार हमारे निष्प्राण समाज को तोड़ना क्यों चाहते हैं?
उत्तर: गीतकार हमारे समाज को इसलिए तोड़ना चाहते हैं क्योंकि वह निष्प्राण हो गया है, उसमें कोई व्यक्तित्व नहीं बचा है और वह व्यक्ति-केंद्रित होकर रह गया है। गीतकार एक ऐसे समाज की कल्पना करते हैं जो सक्रिय और जीवंत हो।


प्रश्न 5. सप्रसंग व्याख्या कीजिए:

(क) नैतिकता नष्ट हुई, मानवता भ्रष्ट हुई, निर्लज्ज भाव से बहती हो क्यों ?
उत्तर:
संदर्भ: यह पंक्तियाँ डॉ. भूपेन हाजरिका द्वारा रचित गीत ‘ओ गंगा बहती हो क्यों’ से ली गई हैं।
प्रसंग: इन पंक्तियों में गीतकार गंगा से शिकायत करते हैं कि जब समाज में अनैतिकता और मानवता का पतन हो रहा है, तब भी वह चुपचाप क्यों बह रही है।
व्याख्या: कवि कहते हैं कि गंगा को समाज में हो रहे अनैतिक और भ्रष्ट कार्यों को देखकर शांत नहीं रहना चाहिए। समाज में नैतिकता खत्म हो गई है और मानवता भ्रष्ट हो चुकी है, लेकिन गंगा इन सब को देखकर भी बिना किसी प्रतिक्रिया के बह रही है। गीतकार गंगा के इस मौन और निष्क्रिय भाव से निराश होकर शिकायत कर रहे हैं।

(ख) व्यक्ति रहे व्यक्ति केंद्रित, सकल समाज व्यक्तित्व रहित, निष्प्राण समाज को तोड़ती न क्यों ?
उत्तर:
संदर्भ: यह पंक्तियाँ डॉ. भूपेन हाजरिका द्वारा रचित गीत ‘ओ गंगा बहती हो क्यों’ से ली गई हैं।
प्रसंग: इन पंक्तियों में गीतकार समाज के स्वार्थी और निष्क्रिय स्वरूप से निराश होकर गंगा से कहते हैं कि वह इस निष्प्राण समाज को क्यों नहीं तोड़ती।
व्याख्या: गीतकार कहते हैं कि आज का समाज ऐसा हो गया है जहाँ हर व्यक्ति केवल अपने बारे में सोचता है। कोई भी समाज के हित के लिए नहीं सोच रहा। इस कारण पूरा समाज ही अपनी पहचान (व्यक्तित्व) खो चुका है और निष्प्राण हो गया है। गंगा इस निष्क्रिय और स्वार्थी समाज को देखकर भी चुप है, जबकि उसे इस समाज को तोड़कर एक नए और जीवंत समाज की नींव रखनी चाहिए।


प्रश्न 6. सम्यक् उत्तर दीजिए :

(क) प्रस्तुत गीत में गीतकार ने देवनदी गंगा से क्या-क्या न करने की शिकायत की है ?
उत्तर: प्रस्तुत गीत में गीतकार ने गंगा से निम्नलिखित शिकायतें की हैं:

  • नैतिकता और मानवता के पतन को देखकर भी चुपचाप बहना।
  • निर्बल जनों को सबल और संग्रामी न बनाना।
  • अशिक्षित और अभावग्रस्त लोगों की दयनीय दशा को देखकर भी मौन रहना।
  • व्यक्ति-केंद्रित और निष्प्राण समाज को न तोड़ना।
  • समाज में प्रेरणा और चेतना का संचार न करना।

(ख) गीतकार हमारे समाज का कौन-सा रूप देखना चाहते हैं?
उत्तर: गीतकार हमारे समाज का एक ऐसा रूप देखना चाहते हैं जहाँ:

  • हर व्यक्ति सक्रिय, प्रेरणादायक और जागरूक हो।
  • निर्बल जन सशक्त, संघर्षशील और समूह को साथ लेकर चलने वाले बनें।
  • समाज में नैतिकता और मानवता का सम्मान हो।
  • लोग स्वार्थ से ऊपर उठकर एक-दूसरे के लिए सोचें।
  • समाज के सभी लोग एक साथ मिलकर एक नया और जीवंत भारत बनाएँ।

(ग) हमारे वर्तमान समाज में व्याप्त कुछ बुराइयों के बारे में लिखकर उनके निराकरण के लिए संभाव्य उपाय सुझाइए।
उत्तर: हमारे वर्तमान समाज में व्याप्त कुछ प्रमुख बुराइयाँ हैं:

  • व्यक्ति-केंद्रित सोच
  • भ्रष्टाचार
  • अशिक्षा और गरीबी
  • अन्याय और शोषण

निराकरण के उपाय:

  • जागरूकता फैलाना
  • नैतिक शिक्षा को बढ़ावा देना
  • निर्बल और वंचित लोगों का सशक्तिकरण
  • सामूहिक प्रयास से बुराइयों के खिलाफ खड़ा होना

(घ) प्रस्तुत गीतकार की तरह अनेक लोग हमारे समाज को सुधारने के लिए अपने-अपने ढंग से प्रयास कर रहे हैं। ऐसे कुछ लोगों के बारे में संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:

  • महात्मा गांधी – अहिंसा और सत्याग्रह के माध्यम से स्वतंत्रता दिलाई और छुआछूत मिटाने का प्रयास किया।
  • मदर टेरेसा – गरीबों और असहायों की सेवा की।
  • बाबा आमटे – कुष्ठ रोगियों और विकलांगों के लिए काम किया।
  • कैलाश सत्यार्थी – बाल श्रम और शोषण के खिलाफ लड़ाई लड़ी।

भाषा एवं व्याकरण

(1) निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए :
विस्तार – फैलाव, व्यापकता
प्रजा – जनता, लोग
गंगा – भागीरथी, सुरसरि
जननी – माता, माँ
अवनी – पृथ्वी, धरती

(2) निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए :
सबल – निर्बल
अपूर्ण – पूर्ण
निश्चय – अनिश्चय
सदा – कभी-कभी
रहित – सहित

(3) निम्नलिखित उपसर्गों से तीन-तीन शब्द बनाइए :
निर्: निर्बल, निराकार, निर्दोष
अन: अनपढ़, अनगिन, अनजान
स: सबल, सचेत, सजीव
उत्: उत्पन्न, उत्थान, उत्कर्ष
सम्: सम्पूर्ण, समग्र, सम्मान

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