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SEBA Class 10 Hindi Chapter 7 लोहे का स्वाद / रोटी और संसद प्रश्न और उत्तर Lohe ka Swad / Roti aur Sansad – Ambar Bhag 2 Solutions | Assam Eduverse

Chapter Overview:

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SEBA / ASSEB Class 10 Hindi – Chapter 7 लोहे का स्वाद / रोटी और संसद Complete Solutions, Summary & Question Answers | Lohe ka Swad / Roti aur Sansad Solutions

बोध एवं विचार

प्रश्न 1: सही विकल्प का चयन कीजिए –

(क) “लोह का स्वाद” कविता में किस प्रक्रिया की ओर संकेत किया गया है?
उत्तर: (i) शब्दों के कविता बनने की

(ख) लोह का स्वाद किसे पता होता है?
उत्तर: (iv) घोड़े को

(ग) “रोटी और संसद” कविता में देश की किस व्यवस्था पर व्यंग्य किया गया है?
उत्तर: (ii) राजनीतिक

(घ) देश की राजनीतिक व्यवस्था किस चीज से खिलवाड़ करती है?
उत्तर: (iii) जनता की रोटी से

प्रश्न 2: निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पूर्ण वाक्य में दीजिए –

(क) कवि ने किसे पढ़ने की बात कही है?
उत्तर: कवि ने अक्षरों के बीच गिरे हुए आदमी को पढ़ने की बात कही है।

(ख) कविता में “लोहार” किसका प्रतीक है?
उत्तर: कविता में “लोहार” शासक वर्ग का प्रतीक है।

(ग) कविता में “घोड़ा” किसका प्रतीक है?
उत्तर: कविता में “घोड़ा” शासित/शोषित वर्ग का प्रतीक है।

(घ) शोषण का दर्द कौन जानता है?
उत्तर: शोषण का दर्द शोषित व्यक्ति जानता है।

(ङ) कविता के अनुसार रोटी कौन बेलता है?
उत्तर: कविता के अनुसार रोटी गरीब आदमी बेलता है।

(च) कविता के सांकेतिक अनुसार रोटी कौन खाता है?
उत्तर: कविता के सांकेतिक अनुसार रोटी अमीर आदमी खाता है।

(छ) कविता में तीसरा आदमी कौन है?
उत्तर: कविता में तीसरा आदमी राजनेता/नेता है।

(ज) तीसरा आदमी रोटी के साथ क्या करता है?
उत्तर: तीसरा आदमी रोटी से खेलता है।

प्रश्न 3: निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए –

(क) शब्द किस तरह कविता बनते हैं?
उत्तर: शब्द तब कविता बनते हैं जब उनमें मानवीय पीड़ा और संवेदना घुल जाती है।

(ख) अक्षरों के बीच गिरे हुए आदमी को कैसे पढ़ा जा सकता है?
उत्तर: अक्षरों के बीच गिरे हुए आदमी को संवेदना और सहानुभूति के साथ पढ़ा जा सकता है।

(ग) वास्तव में लोह का स्वाद कौन और किस रूप में जानता है?
उत्तर: वास्तव में लोह का स्वाद शोषित व्यक्ति शोषण के दर्द के रूप में जानता है।

(घ) कविता में रोटी किसका प्रतीक है? इसका मानव जीवन में क्या महत्व है?
उत्तर: कविता में रोटी मनुष्य की मूलभूत आवश्यकता का प्रतीक है। यह जीवन के लिए अत्यंत आवश्यक है।

(ङ) कविता में सांकेतिक तीसरे आदमी के बारे में सही जानकारी कौन और कैसे दे सकता है?
उत्तर: सांकेतिक तीसरे आदमी के बारे में सही जानकारी संसद दे सकती है लेकिन वह मौन है।

प्रश्न 4: निम्नलिखित प्रश्नों के संपूर्ण उत्तर लिखिए –

(क) “लोह का स्वाद” कविता का प्रतिपाद्य लिखिए।
उत्तर: “लोह का स्वाद” कविता का प्रतिपाद्य यह है कि सच्ची कविता तभी बनती है जब उसमें मानवीय पीड़ा हो। शोषण का दर्द शोषक नहीं बल्कि शोषित जानता है।

(ख) “लोह का स्वाद” कविता के माध्यम से कवि प्रकारांतर से क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर: कवि कहना चाहते हैं कि वास्तविकता को समझने के लिए उसे भोगना जरूरी है। जो व्यक्ति स्वयं पीड़ा झेलता है, वही उसे सही मायने में समझ सकता है।

(ग) “रोटी और संसद” कविता का मूलभाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: इस कविता का मूलभाव यह है कि समाज में तीन तरह के लोग हैं – एक रोटी बेलता है, दूसरा रोटी खाता है और तीसरा रोटी से खेलता है। यह राजनीतिक व्यवस्था पर करारा व्यंग्य है।

(घ) कविता का शीर्षक “रोटी और संसद” कितना सार्थक है? तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए।
उत्तर: यह शीर्षक अत्यंत सार्थक है क्योंकि इसमें जनता की मूलभूत आवश्यकता (रोटी) और राजनीतिक व्यवस्था (संसद) के बीच के अंतर को दर्शाया गया है। संसद को जनता की समस्याओं का समाधान करना चाहिए पर वह मौन है।

प्रश्न 5: आशय स्पष्ट कीजिए –

(क) “अक्षरों के बीच गिरे हुए आदमी को पढ़ा।”
उत्तर: इसका आशय है कि शब्दों के बीच छुपी हुई मानवीय पीड़ा और वेदना को समझना और महसूस करना।

(ख) “मेरे देश की संसद मौन है।”
उत्तर: इसका आशय है कि देश की संसद जनता की समस्याओं पर चुप है और उनका समाधान नहीं कर रही।

प्रश्न 6: सप्रसंग व्याख्या कीजिए –

(क) लोह का स्वाद, लोहार से मत पूछो, उसे घोड़े से पूछो जिसके मुंह में लगाम है।
उत्तर:
प्रसंग: यह पंक्तियां धूमिल की कविता “लोह का स्वाद” से ली गई हैं।
व्याख्या: कवि कहते हैं कि लोहे के कष्ट को लोहार नहीं जान सकता बल्कि वह घोड़ा जान सकता है जिसके मुंह में लगाम लगी है। यहाँ लोहार शासक वर्ग का और घोड़ा शासित वर्ग का प्रतीक है।

(ख) एक तीसरा आदमी भी है, जो न रोटी बेलता है, न रोटी खाता है। वह सिर्फ रोटी से खेलता है।
उत्तर:
प्रसंग: यह पंक्तियां “रोटी और संसद” कविता से हैं।
व्याख्या: कवि कहते हैं कि समाज में तीसरा व्यक्ति भी है जो न रोटी बनाता है न खाता है, बल्कि जनता की मूलभूत आवश्यकताओं से खेलता रहता है। यह राजनेताओं पर व्यंग्य है।

भाषा एवं व्याकरण

प्रश्न 1: निम्नलिखित शब्दों के दो-दो पर्यायवाची शब्द लिखिए –
उत्तर:

  • आवाज – आवाज़, ध्वनि;
  • आदमी – मनुष्य, व्यक्ति;
  • मिट्टी – माटी, भूमि;
  • खून – रक्त, लहू;
  • घोड़ा – अश्व, हय

प्रश्न 2: “लोहार” एक व्यवसायवाचक शब्द है। इसी तरह आप दस व्यवसायवाचक शब्द एवं उनके कार्यों की एक सूची तैयार कीजिए।
उत्तर:

  • चित्रकार – चित्र बनाना,
  • सुनार – आभूषण बनाना,
  • दर्जी – कपड़े सिलना,
  • नाई – बाल काटना,
  • मोची – जूते बनाना,
  • कुम्हार – बर्तन बनाना,
  • बढ़ई – लकड़ी का काम,
  • मजदूर – मजदूरी,
  • किसान – खेती,
  • अध्यापक – पढ़ाना

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