SEBA Class 10 Hindi Chapter 10 अफसर प्रश्न और उत्तर Afsar – Ambar Bhag 2 Solutions | Assam Eduverse
Chapter Overview:
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SEBA / ASSEB Class 10 Hindi – Chapter 10 अफसर Complete Solutions, Summary & Question Answers | Afsar Solutions
बोध एवं विचार
प्रश्न 1: सही विकल्प का चयन कीजिए –
(क): अफसर आपकी गलतियों का क्या माँगता है?
(i) हिसाब (ii) स्पष्टीकरण (iii) लेखा-जोखा (iv) मूल्य
उत्तर: (ii) स्पष्टीकरण
(ख): अफसर को अपने घर का हर बच्चा अपने आपमें क्या लगता है?
(i) शत्रु (ii) मित्र (iii) केस (iv) फाइल
उत्तर: (iii) केस
(ग): अफसर के संबंध में कौन-सा कथन सत्य है?
(i) अफसर आपकी कार्यकुशलता एवं ईमानदारी की प्रशंसा करता है।
(ii) अफसर से आप दोस्ती भी कर सकते हैं।
(iii) आप अफसर के साथ-साथ चल भी सकते हैं।
(iv) अफसर रिटायर होने के बाद भी अपने घर को दफ्तर की तरह चलाता है।
उत्तर: (iv) अफसर रिटायर होने के बाद भी अपने घर को दफ्तर की तरह चलाता है।
प्रश्न 2: पूर्ण वाक्य में उत्तर दीजिए:
(क): “अफसर” नामक पाठ किस प्रकार की रचना है?
उत्तर: “अफसर” नामक पाठ एक व्यंग्य रचना है जिसमें लेखक ने अफसरों की मानसिकता और कार्यशैली पर तीखा व्यंग्य किया है।
(ख): अफसर के पद से रिटायर होने के बाद भी आदमी में क्या कायम रहता है?
उत्तर: अफसर के पद से रिटायर होने के बाद भी आदमी में अफसरत्व कायम रहता है जो घर के लोगों को परेशान करता है।
(ग): अफसर क्या होता है?
उत्तर: अफसर एक ऐसा व्यक्ति होता है जो अपने अधिकार का दुरुपयोग करता है और दूसरों से स्पष्टीकरण माँगता है लेकिन अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं करता।
(घ): अफसर किस प्रकार का मसीहा होता है?
उत्तर: अफसर रेडीमेड मसीहा होता है जो हमेशा अपने आप को सही मानता है और दूसरों को गलत ठहराता है।
(ङ): चमन में बहार बनकर कौन आता है?
उत्तर: चमन में बहार बनकर हर नया अफसर आता है जो शुरू में बहुत उत्साह दिखाता है।
प्रश्न 3: संक्षिप्त उत्तर दीजिए:
(क): अफसर अपने कर्मचारियों से स्पष्टीकरण कब और क्यों माँगता है?
उत्तर: अफसर अपने कर्मचारियों से तब स्पष्टीकरण माँगता है जब वे कोई गलती करते हैं, लेकिन जब वे सही काम करते हैं तो वह उनकी सराहना नहीं करता।
(ख): अफसर अपने आपको सफल कब मानता है?
उत्तर: अफसर अपने आपको सफल तब मानता है जब नाव धीरे-धीरे सधी हुई लहरों पर चलती है, तब वह अपने योग्य प्रशासन का श्रेय लेता है।
(ग): लेखक अफसर के साथ नाव में बैठने से मना क्यों करता है?
उत्तर: लेखक अफसर के साथ नाव में बैठने से इसलिए मना करता है क्योंकि अफसर चाँदनी रात में भी फाइल की चर्चा करके सारा मजा किरकिरा कर देता है।
(घ): लोग ऐसा क्यों सोचते हैं कि अफसर किस मिट्टी का बना है?
उत्तर: लोग सोचते हैं कि अफसर की मिट्टी तो देशी है, सिर्फ साँचा विदेशी है जिसमें अफसर ढलता है, क्योंकि उसका व्यवहार अलग होता है।
(ङ): अफसर को उसकी पत्नी और बच्चे कैसे लगते हैं?
उत्तर: अफसर को उसकी पत्नी एक न सुलझने वाली चिर-पेंडिंग फाइल की तरह नजर आती है और हर बच्चा एक केस लगता है।
(च): अफसर किस रूप में आता है और किस रूप में जाता है?
उत्तर: अफसर चमन में बहार बनकर आता है और मर्तबान का अचार बनकर जाता है।
(छ): लेखक ने अफसर और नेता में क्या अंतर बताया है?
उत्तर: नेता सारे देश को एक साथ डाँटता है और अफसर हर व्यक्ति को अलग-अलग बुलाकर डाँटता है।
(ज): एक अफसर की क्या सीमाएँ हैं, जिनका वह उल्लंघन नहीं कर सकता?
उत्तर: अफसर की सीमाएँ फाइल, मीटिंग, दौरा, रिपोर्ट, डी.ए., रिमाइंडर, मेमो, ऑर्डर की दुनिया में बँधी होती हैं जिनसे वह बाहर नहीं निकल सकता।
प्रश्न 4: सम्यक् उत्तर दीजिए:
(क): अफसर अपने घर को दफ्तर की तरह कैसे चलाता है?
उत्तर: अफसर रिटायर होने के बाद भी अपने घर को दफ्तर की तरह चलाता है। वह चार सब्जीवालों से मौखिक टेंडर ले लेता है तब कद्दू खरीदता है और जब तक वह “सैंक्शन” नहीं देता, प्यार नहीं करता। घर के हर सदस्य को वह एक फाइल की तरह देखता है।
(ख): नया अफसर किस रूप में आता है?
उत्तर: नया अफसर चमन में बहार बनकर आता है। वह शुरू में बहुत उत्साह दिखाता है, सफाई, झाड़ू, चुस्ती दिखाता है। पुराने अफसर के कैक्टस गए भाड़ में, पंचुअलिटी पर विशेष जोर देता है। लेकिन यह सारी चुस्ती शुरू के दो महीने की होती है।
(ग): अफसर के तबादले के समय विदाई भाषण देने वालों के सामने धर्म संकट क्यों रहता है?
उत्तर: अफसर के तबादले के समय विदाई भाषण देने वालों के सामने धर्म संकट इसलिए रहता है कि उन्हें नए अफसर को मक्खन लगाना होता है और जाते हुए के लिए शाब्दिक अफसोस प्रकट करना होता है। इस मिश्रित अभिव्यक्ति के लिए उन्हें सही शब्द नहीं सूझते।
(घ): अफसर के बारे में बहस का विषय क्या है?
उत्तर: अफसर के बारे में बहस का विषय यह है कि अफसर ढलकर तैयार होता है या जन्म से अफसर हो जाता है। कुछ लोग पैदायशी अफसर होते हैं और रिटायर होने के बाद भी उनमें अफसरत्व कायम रहता है।
(ङ): पाठ के आधार पर अफसर की चारित्रिक विशेषताएँ बताइए।
उत्तर: अफसर की मुख्य चारित्रिक विशेषताएँ हैं:
• वह दूसरों से स्पष्टीकरण माँगता है लेकिन अपनी गलतियों को नहीं मानता
• चमचों और चापलूसों पर अधिक भरोसा करता है
• कार्यकुशलता से अधिक चाटुकारिता को महत्व देता है
• रिटायर होने के बाद भी अफसरी का भाव बना रहता है
• वह सर्वव्यापी है और हर जगह अपना दखल रखता है
(च): पाठ में आपको सबसे अच्छा व्यंग्य कौन-सा लगा?
उत्तर: पाठ में सबसे अच्छा व्यंग्य यह लगा कि “अफसर मरता नहीं सिर्फ बदलता है” और “वह एक आत्मा है, एक शरीर के रिटायर होने के बाद नया शरीर ग्रहण कर लेती है।” यह व्यंग्य अफसरी की निरंतरता पर बहुत तीखा प्रहार करता है।
प्रश्न 4: आशय स्पष्ट कीजिए:
(क): अफसर से रिटायर होने के बाद भी आदमियों में अफसरत्व कायम रहता है, जो घर के लोगों को परेशान करता है।
उत्तर: इस वाक्य का आशय यह है कि अफसरी केवल पद नहीं बल्कि एक मानसिकता है। व्यक्ति पद से सेवानिवृत्त हो जाता है लेकिन उसकी अफसरी की आदतें बनी रहती हैं। वह घर में भी दफ्तरी तरीकों से काम करता है और परिवारजनों को परेशान करता है।
(ख): वह एक आत्मा है, एक शरीर के रिटायर होने के बाद नया शरीर ग्रहण कर लेती है।
उत्तर: लेखक ने अफसरी को आत्मा के समान बताया है जो अमर है। जब एक अफसर रिटायर होता है तो अफसरी समाप्त नहीं होती, बल्कि कोई दूसरा व्यक्ति अफसर बनकर उसी तरह काम करता है। इस प्रकार अफसरी का सिलसिला निरंतर चलता रहता है।
(ग): अफसर सब जगह है। वह ऑन ड्यूटी सर्वव्यापी है।
उत्तर: इस वाक्य का अर्थ है कि अफसर की पहुँच हर जगह है। वह हमेशा ड्यूटी पर रहता है और हर मामले में दखल देता है। उसका प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र में दिखाई देता है और वह अपनी उपस्थिति हर जगह महसूस कराता है।
(घ): अफसर अगर इस किनारे से जा रहा है तो आप उस किनारे से जाइए।
उत्तर: यह वाक्य अफसर से बचने की सलाह है। लेखक कहता है कि अफसर के साथ चलना खतरनाक है क्योंकि वह हमेशा अपना फायदा देखता है। इसलिए उससे दूर रहना ही बेहतर है और उसके विपरीत दिशा में चलना चाहिए।
भाषा एवं व्याकरण
प्रश्न 1:मुहावरों का प्रयोग:
(क): भाड़ में जाना – नए अफसर के आने पर पुराने नियम भाड़ में चले गए।
(ख): किस्सा छड़ना – चाँदनी रात में अफसर ने फाइल का किस्सा छेड़ दिया।
(ग): ठाकना-बजाना – चार पैसे की मटकी ठाक-बजाकर ली जाती है।
(घ): सूत्र जुड़ना – दो महीने बाद बड़े बाबू और अफसर में सूत्र जुड़ जाते हैं।
(ङ): मक्खन लगाना – नए अफसर को मक्खन लगाना पड़ता है।
(च): खाट खड़ी होना – अफसर की गलती पर उसकी खाट खड़ी हो जाती है।
(छ): बहार बनकर आना – हर नया अफसर चमन में बहार बनकर आता है।
प्रश्न 2:शब्दों को वाक्यों में प्रयोग (लिंग के अनुसार):
दस्तखत (पुल्लिंग): अफसर का दस्तखत जरूरी है।
तबदला (पुल्लिंग): उसका तबदला हो गया।
किस्सा (पुल्लिंग): यह किस्सा बहुत रोचक है।
नाव (स्त्रीलिंग): यह नाव तेज चलती है।
फाइल (स्त्रीलिंग): यह फाइल पेंडिंग है।
रिश्ता (पुल्लिंग): यह रिश्ता अच्छा है।
प्रशासन (पुल्लिंग): उसका प्रशासन योग्य है।
साँचा (पुल्लिंग): यह साँचा विदेशी है।
चमन (पुल्लिंग): यह चमन हरा-भरा है।
पौधा (पुल्लिंग): यह पौधा हरा है।
प्रश्न 3: नमूने के अनुसार वाक्य बदलना:
(क): इस अवस्था में वे कहाँ जा सकते हैं?
उत्तर: इस अवस्था में वे कहाँ जाएं?
(ख): अब रमेश क्या कर सकता है?
उत्तर: अब रमेश क्या करे?
(ग): इस समय वे क्या कर सकते हैं?
उत्तर: इस समय वे क्या करें?
(क): पहले फिल्में कैसी थीं?
उत्तर: पहले फिल्में कैसी होंगी?
(ख): पहले घर कैसे बनते थे?
उत्तर: पहले घर कैसे बनते होंगे?
(ग): पहले पढ़ाई कैसी होती थी?
उत्तर: पहले पढ़ाई कैसी होती होगी?
टिप्पणियाँ:
प्रश्न 1: इस पाठ में कुछ भाषा-प्रयोग नए हैं: अफसरत्व, अफसरी, हम डंटते हैं, जनम (जन्म), धरम (धर्म)
प्रश्न 1: हिंदी में हुजूर, श्रीमान, सर, महाशय आदि आदरसूचक संबोधन हैं:
उत्तर: “और हुजूर, श्रीमान, हेड ऑफिस से ऑर्डर हुआ है कि आप पूर्णिमा की रात नाव पर बैठकर सैर को जाएं।”
प्रश्न 1: इस पाठ में कुछ क्रियाविहीन उपवाक्यों का प्रयोग हुआ है:
साढ़े दस यानी साढ़े दस, सारी चुस्ती शुरू के दो महीने, बाद में वही ढर्रा, सफाई, झाड़ू, चुस्त
योग्यता-विस्तार:
प्रश्न 1: अपनी मातृभाषा/हिंदी की किसी व्यंग्य रचना का संकलन कीजिए और कक्षा में सुनाइए।
उत्तर: छात्र अपनी मातृभाषा या हिंदी की व्यंग्य रचनाओं का संकलन करें और कक्षा में प्रस्तुत करें।
प्रश्न 2: हरिशंकर परसाई द्वारा रचित व्यंग्य रचना “भोलाराम का जीव” पढ़िए और पठित पाठ से तुलना कीजिए।
उत्तर: छात्र हरिशंकर परसाई की “भोलाराम का जीव” पढ़कर “अफसर” से तुलना करें। दोनों में व्यंग्य की शैली, विषय-वस्तु और प्रभाव की तुलना करें।
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