SEBA Solutions for Class 10 Hindi (MIL) – Vaichitryamay Assam Chapter : मिसिंग (Mising) | Assam Eduverse
Chapter Overview:
Assam Eduverse presents a concise summary of Class 9 Hindi MIL – मिसिंग (Mising) by मिसिंग साहित्य सभा (Mising Sahitya Sabha). The lesson मिसिंग (Mising) gives an account of the Mising tribe, their folk culture, lifestyle, and history, making it an important lesson in Class 9 Hindi MIL – वैचित्र्यमय असम (Vaichitryamay Assam).
The lesson मिसिंग (Mising) highlights their festivals like Ali Ai Ligang, dances, attire, and rituals. It explains their agricultural practices, connection with rivers, and harmony with forests, which symbolize their close relationship with nature.
The lesson मिसिंग (Mising) conveys themes of unity, heritage, and cultural diversity. It inspires students to value the cultural richness and lifestyle of the Mising people as part of Assam’s identity.
SEBA Class 10 Hindi (MIL) – Vaichitryamay Assam Chapter : मिसिंग (Mising) Solutions & Question Answer
प्रश्नावली
प्रश्न 1. “मिसिंग” जनजाति के बारे में संक्षेप में लिखिए।
उत्तर: मिसिंग असम की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति है, जिन्हें ‘मिरि’ नाम से भी जाना जाता है। भारतीय संविधान में उन्हें ‘मिरि’ नाम से मैदानी जनजाति का दर्जा मिला है। वे स्वयं को ‘तानि’ कहते हैं, जिसका अर्थ है ‘आदमी’ या ‘मानव’।
प्रश्न 2. मिसिंग लोगों के किन्हीं तीन प्रकार के परिधानों के नाम लिखिए।
उत्तर: मिसिंग पुरुषों के पारंपरिक परिधानों में ‘मिबु गालुग’, ‘गनोर’, ‘उगन टंगाली’ और ‘दुमौ’ शामिल हैं। महिलाओं के परिधानों में ‘रिहा-मेखला’ और ‘रिबी-गासेंग’ प्रमुख हैं।
प्रश्न 3. मिसिंग लोगों के धर्म-पंथ का संक्षिप्त परिचय दीजिए।
उत्तर: मिसिंग लोग लोक-विश्वास में गहरी आस्था रखते हैं। उनका मूल धर्म ‘दंई-पलो’ है, जिसका अर्थ है सूर्य-चंद्र। वे सूर्य और चंद्र को सृष्टि का संचालक मानते हैं। वे पारंपरिक रूप से ‘मिबु’ या पुरोहितों द्वारा की जाने वाली पूजा में विश्वास रखते हैं।
प्रश्न 4. ‘आलि-आये-लृगांग’ किसे कहते हैं और यह कब मनाया जाता है?
उत्तर: ‘आलि-आये-लृगांग’ मिसिंग लोगों का प्रमुख जातीय उत्सव है। यह तीन शब्दों से मिलकर बना है: ‘आलि’ (धरती के नीचे का बीज), ‘आये’ (पेड़-पौधों का फल) और ‘लृगांग’ (बीज बोने का काम शुरू करना)। यह उत्सव फाल्गुन महीने के पहले बुधवार को मनाया जाता है, जो बीज बोने की शुरुआत का प्रतीक है।
प्रश्न 5. आलि-आये-लृगांग शब्द की व्युत्पत्ति लिखिए।
उत्तर: ‘आलि-आये-लृगांग’ तीन मिसिंग शब्दों से मिलकर बना है:
● आलि: इसका अर्थ है जमीन के नीचे का बीज।
● आये: इसका अर्थ है पेड़-पौधों के ऊपर लगने वाला फल या बीज।
● लृगांग: इसका अर्थ है बीज बोने का काम शुरू करना।
यह उत्सव बीज बोने के काम के शुभारंभ का प्रतीक है।
प्रश्न 6. संक्षेप में उत्तर लिखो:
(क) साहित्यकार भृगुमुनि काग्युंग
उत्तर: भृगुमुनि काग्युंग मिसिंग जनजाति के पहले राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता साहित्यकार थे। उनका जन्म 1924 में आलिमुर गांव में हुआ था। उन्होंने असमीया और मिसिंग दोनों भाषाओं में साहित्य रचा। उनके काव्य संग्रह ‘अनारहित’ और ‘मन बननिर जुइ’ के लिए उन्हें राष्ट्रपति पुरस्कार मिला था। वे एक लेखक, शोधकर्ता और समाज सुधारक थे।
(ख) शहीद कमला मिरि
उत्तर: कमला मिरि एक महान देशभक्त थे, जिन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया था। उनका जन्म 1904 में रूपा टमेरा गांव में हुआ था। गांधीजी के आह्वान पर वे स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। 1942 में उन्हें अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया और 8 महीने की सजा सुनाई। जेल में उनका स्वास्थ्य खराब हो गया और 22 अप्रैल 1943 को उनका निधन हो गया।
(ग) एराम बारि
उत्तर: एराम बारि को मिसिंग संस्कृति का पितामह कहा जाता है। उनका जन्म 1922 में अयान गांव में हुआ था। उन्होंने मिसिंग कला-संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए जीवनभर काम किया। उन्होंने पारंपरिक मिसिंग नृत्य और गीतों को पुनर्जीवित किया। 1959 में उनके नेतृत्व में एक सांस्कृतिक मंडली ने ‘लृगांग-ल’ल’ नृत्य का प्रदर्शन किया था।
(घ) जादव पायेंग
उत्तर: जादव पायेंग को ‘भारत का वन पुरुष’ (Forest Man of India) के नाम से जाना जाता है। उनका जन्म 1959 में जोरहाट में हुआ था। उन्होंने ब्रह्मपुत्र नदी के एक निर्जन तटबंध पर अकेले ही 40 वर्षों में एक विशाल जंगल उगा दिया, जिसे अब ‘मोलाई काठनी’ कहा जाता है। पर्यावरण संरक्षण के लिए उनके इस महान कार्य के लिए उन्हें 2015 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
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