SEBA Class 10 Hindi Chapter 11 आओ, उद्यमी बनें प्रश्न और उत्तर Aao Udyami Banein – Ambar Bhag 2 Solutions | Assam Eduverse
Chapter Overview:
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SEBA / ASSEB Class 10 Hindi – Chapter 11 आओ, उद्यमी बनें Complete Solutions, Summary & Question Answers | Aao Udyami Banein Solutions
बोध एवं विचार
प्रश्न 1: सही विकल्प का चयन कीजिए –
(क): दसवीं कक्षा के वर्गाध्यापक का नाम है—
(i) अरुण गोस्वामी (ii) प्रकाश गोस्वामी (iii) तापस गोस्वामी (iv) बलेन गोस्वामी
उत्तर: (ii) प्रकाश गोस्वामी
(ख): कर्मविहीन बेरोजगार व्यक्ति और एक उद्यमी व्यक्ति के बीच का छोटा-सा अंतर क्या है?
(i) आलस्य (ii) लोभ (iii) निराशा (iv) संकोच
उत्तर: (i) आलस्य
(ग): वर्गाध्यापक द्वारा चर्चित नया विषय किससे संबंधित था?
(i) सरकारी अधिकारी (ii) गैर-सरकारी कर्मचारी (iii) उद्यमी (iv) बेरोजगार व्यक्ति
उत्तर: (iii) उद्यमी
(घ): “सफल उद्यमी बनना क्यों कठिन काम है, गुरुजी?”- यह प्रश्न किसने किया था?
(i) विजित (ii) अर्जुन (iii) प्रीतम (iv) विदिशा
उत्तर: (iv) विदिशा
(ङ): “सोने का चम्मच मुँह में लेकर जन्म लेना”- मुहावरे का तात्पर्य है—
(i) सुनार के घर में पैदा होना (ii) धनी या संपन्न घर में पैदा होना (iii) निर्धन के घर में पैदा होना (iv) किसी विलासी व्यक्ति के घर में पैदा होना
उत्तर: (ii) धनी या संपन्न घर में पैदा होना
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर पूर्ण वाक्य में दीजिए:
(क): “क्या तुमलोगों को एक ही दिन में ……चलाने की कला आयी थी?”- खाली जगह भरिए।
उत्तर: साइकिल
प्रश्न (ख): इंफोसिस कंपनी के प्रतिष्ठाता कौन हैं?
उत्तर: इंफोसिस कंपनी के प्रतिष्ठाता एन. आर. नारायणमूर्ति हैं।
(ग): एक अस्पताल या नर्सिंग होम खोलकर सफल उद्यमी बनने के लिए स्वत्वाधिकारी का क्या होना आवश्यक है?
उत्तर: एक अस्पताल या नर्सिंग होम खोलकर सफल उद्यमी बनने के लिए स्वत्वाधिकारी का स्वयं एक डॉक्टर अथवा एम.बी.बी.एस डिग्री वाला होना जरूरी है।
(घ): इलेक्ट्रिक बल्ब का आविष्कार किसने किया था?
उत्तर: इलेक्ट्रिक बल्ब का आविष्कार थॉमस अल्वा एडिसन ने किया था।
(ङ): “ग्रह-नक्षत्र हमारे भाग्य का निर्धारण नहीं करते, वह हममें ही विद्यमान रहता है।” – यह किसका कथन है?
उत्तर: यह विलियम शेक्सपियर का कथन है।
प्रश्न 3. निम्नलिखित प्रश्नों के अति संक्षिप्त उत्तर दीजिए:
(क): एक सफल उद्यमी बनने के लिए किन गुणों की आवश्यकता होती है?
उत्तर: एक सफल उद्यमी बनने के लिए धीरता, एकाग्रता, नियम एवं समय की पाबंदी, आत्मविश्वास और कभी न हार मानने वाली मनोवृत्ति की आवश्यकता होती है।
(ख): क्रिकेट खेल के एक अच्छे बल्लेबाज और एक उद्यमी के बीच किस बात में समानता होती है?
उत्तर: जिस प्रकार क्रिकेट में एक अच्छा बल्लेबाज धैर्य और एकाग्रता के साथ अवसर का इंतजार करता है, उसी प्रकार उद्यमी भी धैर्य के साथ अवसर की प्रतीक्षा करके उसका पूरा सदुपयोग करता है।
(ग): कैसे व्यक्ति को उद्यमी कहा जाता है?
उत्तर: जो व्यक्ति स्वयं ही कोई व्यवसाय या उद्यम शुरू करके किसी सामग्री या सेवा के विक्रय के जरिए अपनी आजीविका कमाने के साथ ही दूसरों को भी आजीविका उपलब्ध कराने में सक्षम होता है, उसे उद्यमी कहा जाता है।
(घ): मैनेजमेंट शास्त्र के गुरु पीटर ड्रेकर ने क्या कहा है?
उत्तर: पीटर ड्रेकर ने कहा है कि “ज्ञान पर आधारित अर्थनीति में उन लोगों को ही सफलता मिलती है जो खुद को समझता है तथा अपनी शक्ति और मूल्य को पहचान कर सर्वोत्तम प्रस्तुति देता है।”
(ङ): प्रारंभिक अवस्था में एक उद्यमी को किन बातों के लिए तैयार रहना पड़ेगा?
उत्तर: प्रारंभिक अवस्था में एक उद्यमी को जूते की सिलाई से लेकर चंदी-पाठ तक सब कुछ करने के लिए तैयार रहना पड़ेगा। उसे गिरकर उठने को भी प्रस्तुत रहना होगा।
(च): कोका कोला कंपनी का विज्ञापन उद्यमी बनने की चाहत रखने वाले व्यक्ति के लिए क्यों अत्यंत महत्वपूर्ण है?
उत्तर: कोका कोला कंपनी का विज्ञापन “Eat cricket, sleep cricket, dream cricket, drink cricket” उद्यमी बनने की चाहत रखने वाले व्यक्ति को यह संदेश देता है कि खाते-सोते, उठते-बैठते बिना विराम के अपने लक्ष्य के लिए निरंतर काम करना चाहिए।
(छ): माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स ने गरीबी के संदर्भ में क्या कहा है?
उत्तर: बिल गेट्स ने कहा है कि “आप अगर गरीब बनकर जन्म हैं तो वह आपकी गलती नहीं है, परंतु आप अगर गरीब बनकर मरते हैं, तो वह आपकी गलती है।”
(ज): विचार या चिंतन के संदर्भ में धीरूभाई अंबानी ने क्या कहा था?
उत्तर: धीरूभाई अंबानी ने कहा था – “नए विचार या चिंतन पर किसी का एकाधिकार नहीं है। बड़ा सोचो, जल्दी सोचो, दूसरे से पहले सोचो।”
(झ): उत्पादों का विक्रय उद्यमियों के लिए किसलिए सबसे महत्वपूर्ण एवं संघर्ष भरा अध्याय है?
उत्तर: उत्पादों का विक्रय इसलिए सबसे महत्वपूर्ण एवं संघर्ष भरा अध्याय है क्योंकि किसी उत्पाद को तैयार करना भले ही आसान हो, परंतु एक नई चीज़ बाजार में बेचना आसान नहीं है। सही संप्रेषण न कर पाने के कारण कई अच्छी चीजों की बिक्री नहीं होती।
प्रश्न 4. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दीजिए:
(क): उद्यमी बनने के लिए किस प्रकार की शैक्षिक योग्यता होनी चाहिए?
उत्तर: उद्यमी बनने के लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यता इस बात पर निर्भर करती है कि आप किस क्षेत्र में उद्यमी बनना चाहते हैं। एक ढाबा या गल्ले की दुकान के लिए विशेष शैक्षिक अहर्ता की जरूरत नहीं पड़ती, लेकिन सभी में बुद्धि और साधारण ज्ञान की आवश्यकता होती है। आज के समय में प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी और ज्ञान आधारित क्षेत्रों में उद्यमी बनने के लिए संबंधित शिक्षा, ज्ञान और कौशलों का अधिकारी बनना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
(ख): अलेक्जेंडर ग्राहम बेल से संबंधित प्रसंग का उल्लेख कीजिए।
उत्तर: 1876 ई. में एक युवक ने एक यंत्र का आविष्कार करके मदद हेतु कई लोगों के पास पहुंचा, परंतु सबने उसे निराश किया। आखिरकार उसने अमेरिकी राष्ट्रपति रदरफोर्ड के सामने अपने आविष्कार को प्रस्तुत किया। रदरफोर्ड ने टिप्पणी की- “यह आश्चर्यजनक आविष्कार है, पर इसका उपयोग कौन करेगा?” वह युवक अलेक्जेंडर ग्राहम बेल था और उसका आविष्कार टेलीफोन था।
(ग): एक उद्यमी बनने के लिए कितनी पूंजी की जरूरत होती है?
उत्तर: उद्यमी बनने के लिए बहुत बड़ी पूंजी की जरूरत नहीं होती। धीरूभाई अंबानी के पास न तो पूंजी थी और न अच्छी शैक्षिक अहर्ता। उन्होंने लोगों से धन लिया, कपड़े तैयार करके पुनः लोगों को ही बेचे। जो मुनाफा कमाए उसके अंश पूंजी के हिस्सेदारों के बीच भी वितरित किए। पूंजी का अभाव उद्यमी बनने की राह में कभी भी बाधा या रुकावट नहीं बन सकता।
(घ): उद्यमी बनने की चाहत रखने वाले व्यक्तियों के लिए कैसी व्यवस्था है?
उत्तर: उद्यमियों को प्रशिक्षित करने के लिए भारतीय उद्यमिता संस्थान (IIE) की शाखाएं देश के हरेक प्रांत में हैं। स्टार्टअप इंडिया योजना के जरिए उद्यमियों को शुरुआती पूंजी, तकनीकी मदद के साथ-साथ प्रशिक्षण की व्यवस्था है। मुद्रा ऋण योजना के जरिए बिना पूंजी के भी कोई उद्यमी अपना व्यवसाय आरंभ कर सकता है।
(ङ): मुद्रा ऋण योजना पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर: मुद्रा ऋण योजना सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है जिसके जरिए बिना पूंजी के भी कोई उद्यमी अपना व्यवसाय आरंभ कर सकता है। इस योजना के जरिए बिना किसी गिरवी या मॉर्टगेज के ही कम ब्याज पर बैंक से ऋण उपलब्ध कराने की व्यवस्था है। इस योजना की मदद से कई उद्यमी युवक-युवतियों ने प्रगति भी की है।
(च): शिक्षण-संस्थानों में स्थापित उद्यमी-प्रकोष्ठों की भूमिका स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: आजकल अधिकांश महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों और अभियांत्रिक महाविद्यालयों में उद्यमी-प्रकोष्ठ बनाए गए हैं। ये उद्यमी-प्रकोष्ठ नियमित रूप से कार्यशाला, प्रशिक्षण आदि का आयोजन करते हैं। इससे विद्यार्थी काल से ही सिर्फ नौकरी हेतु अध्ययन के बदले समानांतर रूप से ऐसी कार्यशालाओं में भाग लेकर अपने को उद्यमी के रूप में मानसिक रूप से तैयार रख सकते हैं।
(छ): विद्यार्थियों को क्यों उद्यमी बनने के लिए भी तैयार रहना चाहिए?
उत्तर: निरंतर बढ़ती आबादी के कारण यह असंभव-सा है कि सरकार सबको नौकरी दे सके। प्रत्येक दस विद्यार्थियों में से सिर्फ एक को ही शायद सरकारी नौकरी मिले। अतः विद्यार्थीगण अपने को मानसिक रूप से तैयार करके इस स्थिति के लिए प्रस्तुत होंगे तो वह खुद के लिए और साथ ही समाज के लिए भी मंगलकारी होगा।
प्रश्न 5. निम्नलिखित प्रश्नों के सम्यक् उत्तर दीजिए:
(क): सप्रसंग व्याख्या कीजिए:
(i) “उद्यमी व्यक्ति सिंह के समान है, आलस्य कापुरुष की निशानी है।”
उत्तर: यह कथन प्रकाश गोस्वामी जी का है जो दसवीं कक्षा के विद्यार्थियों को उद्यमी बनने की प्रेरणा दे रहे हैं। इस कथन का आशय यह है कि एक उद्यमी व्यक्ति यानी एंटरप्रन्योर और एक कर्मविहीन बेरोजगार व्यक्ति के बीच का छोटा-सा अंतर है आलस्य। उद्यमी व्यक्ति सिंह की तरह साहसी, निडर और सक्रिय होता है जबकि आलसी व्यक्ति कापुरुष की तरह निष्क्रिय रहता है।
(ii) “उद्यमी बनना जितना आसान है, कामयाब उद्यमी बनना उतना आसान नहीं है।”
उत्तर: यह कथन शिक्षक प्रकाश गोस्वामी का है। इसका अर्थ यह है कि उद्यमी बनने के लिए किसी विश्वविद्यालय की बड़ी डिग्री की जरूरत नहीं पड़ती, इसलिए उद्यमी बनना आसान है। परंतु एक सफल उद्यमी बनने के लिए धैर्य, एकाग्रता, नियम एवं समय की पाबंदी, आत्मविश्वास और कभी न हार मानने वाली मनोवृत्ति की जरूरत पड़ती है, जो सभी के पास नहीं होते।
(iii) “विद्यार्थीगण अपने को मानसिक रूप से तैयार करके इस स्थिति के लिए प्रस्तुत होंगे तो वह खुद के लिए और साथ ही समाज के लिए भी मंगलकारी होगा।”
उत्तर: यह कथन इस तथ्य को दर्शाता है कि बढ़ती जनसंख्या के कारण सभी को सरकारी या निजी नौकरी मिलना संभव नहीं है। ऐसी स्थिति में यदि विद्यार्थी उद्यमी बनने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें तो वे न केवल अपनी आजीविका कमा सकेंगे बल्कि दूसरों को भी रोजगार प्रदान कर समाज का कल्याण करेंगे।
प्रश्न (ख): आशय स्पष्ट कीजिए:
(i) “एक सफल और एक असफल उद्यमियों के बीच का अंतर है सिर्फ—दृढ़ता।”
उत्तर: यह कथन एप्पल कंपनी के सह संस्थापक स्टीव जॉब्स का है। इसका आशय यह है कि सफल और असफल उद्यमियों के बीच मुख्य अंतर उनकी दृढ़ता या दृढ़ संकल्प का है। सफल उद्यमी असफलताओं से हार नहीं मानते और निरंतर प्रयास करते रहते हैं, जबकि असफल उद्यमी शुरुआती कठिनाइयों में ही हार मान लेते हैं।
(ii) “विक्रय-कौशल किसी भी उद्यमी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
उत्तर: इस कथन का आशय यह है कि किसी भी उद्यमी की सफलता उसके उत्पाद को बाजार में बेचने की क्षमता पर निर्भर करती है। कोई भी अच्छा उत्पाद तब तक सफल नहीं हो सकता जब तक उसे सही तरीके से ग्राहकों तक पहुंचाया न जाए। इसलिए मार्केटिंग स्किल और संप्रेषण क्षमता उद्यमी के लिए अत्यंत आवश्यक है।
(iii) “उद्यमी बनना भी साइकिल चलाना सीखने की तरह ही अनवरत प्रयास का काम है।”
उत्तर: इस कथन का अर्थ यह है कि जिस प्रकार साइकिल चलाना सीखने के लिए बार-बार गिरना पड़ता है और निरंतर अभ्यास करना पड़ता है, उसी प्रकार उद्यमी बनने के लिए भी निरंतर प्रयास और धैर्य की आवश्यकता होती है। कई बार असफलता मिल सकती है, लेकिन हार न मानकर लगातार कोशिश करते रहना जरूरी है।
प्रश्न (ग): प्रसिद्ध उद्यमी नारायण मूर्ति की सफलता की कहानी पर प्रकाश डालिए।
उत्तर: एन. आर. नारायणमूर्ति भारत और विश्व के एक सफल उद्यमी हैं। उनका जन्म कर्नाटक के एक निम्नमध्यवित्त परिवार में हुआ था। बचपन से ही उनमें उद्यमी बनने की तीव्र चाहत थी। अभियांत्रिकी की शिक्षा पूरी करने के बाद कुछ दिन नौकरी करने के पश्चात उन्होंने उसे छोड़कर सॉफ्ट्रोनिक्स नामक कंपनी की स्थापना की। परंतु डेढ़ वर्ष बाद दिवालियेपन के कारण कंपनी बंद हो गई। फिर से नौकरी करने के बाद अंततः उन्होंने कुछ दोस्तों के साथ मिलकर इंफोसिस कंपनी शुरू की। उनकी पत्नी ने अपनी बचत से दस हजार रुपए दिए। शुरुआत में अनेक बाधाओं का सामना करना पड़ा लेकिन नब्बे के दशक में भारतीय अर्थनीति के मुक्त होने पर उन्हें असीमित अवसर मिले। धैर्य और सही समय पर सही कदम उठाने के कारण आज नारायण मूर्ति विश्वभर में एक सफल उद्यमी के रूप में प्रतिष्ठित हैं।
प्रश्न (घ): प्रसिद्ध उद्यमी धीरूभाई अंबानी को किस प्रकार सफलता प्राप्त हुई थी—उसका खुलासा कीजिए।
उत्तर: धीरूभाई अंबानी भारत के एक अन्यतम सफल उद्यमी थे। उनके हाथों में न तो पूंजी थी और न अच्छी शैक्षिक अहर्ता। मैट्रिक के स्तर पर ही पढ़ाई समाप्त करने वाले धीरूभाई शुरू में एक पेट्रोल डिपो में तेल भरने का काम करते थे। बाद में उन्हें उस डिपो के मैनेजर के पद तक पदोन्नति प्राप्त हुई। परंतु उद्यमी बनने की तीव्र चाहत के कारण उन्होंने नौकरी से इस्तीफा देकर व्यवसाय शुरू करने का निर्णय लिया। पूंजी न होने के कारण उन्होंने लोगों से धन लिया, कपड़े तैयार करके पुनः लोगों को ही बेचे। जो मुनाफा कमाए उसके अंश पूंजी के हिस्सेदारों के बीच भी वितरित किए। मुंबई के 350 वर्गफीट के कमरे से धीरूभाई अंबानी ने कपड़े का व्यवसाय शुरू किया जो बाद में “रिलायंस इंडस्ट्रीज” बनी। उन्होंने कहा था – “नए विचार पर किसी का एकाधिकार नहीं है। बड़ा सोचो, जल्दी सोचो, दूसरे से पहले सोचो।”
प्रश्न (ङ): पाठ में उल्लिखित असम के सफल उद्यमियों पर चर्चा कीजिए।
उत्तर: पाठ में असम के कई सफल उद्यमियों का उल्लेख है:
स्वास्थ्य क्षेत्र के उद्यमी: जी.एन.आर.सी अस्पताल के स्वत्वाधिकारी श्री नोमल चंद्र बोरा, डाउन टाउन अस्पताल के स्वत्वाधिकारी श्री नरेंद्र नाथ दत्त, और नेमकेयर अस्पताल के स्वत्वाधिकारी श्री हितेश बरुवा – ये सभी एक-एक चिकित्सक हैं जिन्होंने अपने अस्पताल खोलकर स्वास्थ्य क्षेत्र में सफल उद्यमी बने।
औद्योगिक क्षेत्र के उद्यमी: असम एयर प्रॉडक्ट्स, प्रिमियर क्रायोजेनिक आदि उद्योगों के मालिक श्री अभिजित बरुवा एक इंजीनियर हैं।
निर्माण क्षेत्र के उद्यमी: प्रसिद्ध गृह-निर्माता अथवा बिल्डर श्री जे. एन. खाटनियार भी एक इंजीनियर हैं।
कलाकार: जुबिन गार्ग और अंगराग पापन महंत (पापन) मूलतः असम के दो गायक कलाकार हैं जो अपनी कला के बल पर सफल उद्यमी बने।
ये सभी उदाहरण दर्शाते हैं कि विभिन्न क्षेत्रों में अपनी योग्यता और मेहनत के बल पर सफल उद्यमी बना जा सकता है।
भाषा एवं व्याकरण
1. निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:
प्रश्न: श्रीगणेश करना, खून-पसीना एक करना, गांठ में बांधना, दौड़-धूप करना, जान पर खेलना, जमीन पर पैर न पड़ना
उत्तर:
- श्रीगणेश करना (शुरुआत करना): नारायणमूर्ति ने इंफोसिस कंपनी का श्रीगणेश किया।
- खून-पसीना एक करना (कड़ी मेहनत करना): धीरूभाई अंबानी ने खून-पसीना एक करके अपना व्यवसाय खड़ा किया।
- गांठ में बांधना (याद रखना): “हथेली पर दही नहीं जमता” – यह बात गांठ में बांध लो।
- दौड़-धूप करना (भाग-दौड़ करना): व्यवसाय शुरू करने के लिए बहुत दौड़-धूप करनी पड़ती है।
- जान पर खेलना (जोखिम उठाना): सफल उद्यमी बनने के लिए जान पर खेलना पड़ता है।
- जमीन पर पैर न पड़ना (अहंकार करना): सफल होने के बाद उसके जमीन पर पैर नहीं पड़ते।
2. निम्नलिखित लोकोक्तियों के भाव स्पष्ट कीजिए:
प्रश्न:
(i) जहां चाह वहां राह। (ii) हथेली पर दही नहीं जमता। (iii) होनहार बिरवान के होत चीकने पात। (iv) जिन ढूंढा तिन पाइयां गहरे पानी पैठ।
उत्तर:
(i) जहां चाह वहां राह: जहां दृढ़ इच्छाशक्ति होती है, वहां कोई न कोई रास्ता मिल ही जाता है। धीरूभाई अंबानी के उदाहरण में यही दिखता है।
(ii) हथेली पर दही नहीं जमता: किसी भी काम में सफलता पाने के लिए धैर्य और समय की आवश्यकता होती है। जल्दबाजी में कुछ नहीं होता।
(iii) होनहार बिरवान के होत चीकने पात: प्रतिभाशाली व्यक्ति के गुण बचपन से ही दिखाई देने लगते हैं। नारायणमूर्ति में बचपन से ही उद्यमी बनने की चाहत थी।
(iv) जिन ढूंढा तिन पाइयां गहरे पानी पैठ: जो व्यक्ति गहरी खोज करता है, कड़ी मेहनत करता है, उसे सफलता अवश्य मिलती है।
3. संधि-विच्छेद कीजिए:
प्रश्न: वर्गाध्यापक, विद्यार्थी, इत्यादि, स्वत्वाधिकारी, दिग्गज, उन्नति, उल्लास, निष्फल, निर्धन, मनोयोग
उत्तर:
- वर्गाध्यापक: वर्ग + अध्यापक (दीर्घ संधि)
- विद्यार्थी: विद्या + अर्थी (दीर्घ संधि)
- इत्यादि: इति + आदि (यण् संधि)
- स्वत्वाधिकारी: स्वत्व + अधिकारी (दीर्घ संधि)
- दिग्गज: दिक् + गज (व्यंजन संधि)
- उन्नति: उत् + नति (व्यंजन संधि)
- उल्लास: उत् + लास (व्यंजन संधि)
- निष्फल: निः + फल (विसर्ग संधि)
- निर्धन: निः + धन (विसर्ग संधि)
- मनोयोग: मनः + योग (विसर्ग संधि)
4. समास-विग्रह करके समास का नाम बताइए:
प्रश्न: पिता-माता, आजीवन, जुबिन-पापन, विद्यालय, सतसई, पीतांबर
उत्तर:
- पिता-माता: पिता और माता (द्वंद्व समास)
- आजीवन: जीवन पर्यंत (अव्ययीभाव समास)
- जुबिन-पापन: जुबिन और पापन (द्वंद्व समास)
- विद्यालय: विद्या का आलय (तत्पुरुष समास)
- सतसई: सात सैकड़ों का समूह (द्विगु समास)
- पीतांबर: पीत है जो अंबर (कर्मधारय समास)
5. निम्नलिखित शब्दों के लिंग परिवर्तन कीजिए:
प्रश्न: अध्यापक, शिक्षक, महोदय, पत्नी, ननद, युवती, भड़, भैंस
उत्तर:
- अध्यापक: अध्यापिका
- शिक्षक: शिक्षिका
- महोदय: महोदया
- पत्नी: पति
- ननद: नंदोई
- युवती: युवक
- भड़: भड़ी
- भैंस: भैंसी
योग्यता-विस्तार
प्रश्न: पाठ में उल्लिखित असम के उद्यमियों—जुबिन गार्ग, अंगराग पापन महंत, डॉ. नोमल चंद्र बोरा, डॉ. नरेंद्र नाथ दत्त, डॉ. हितेश बरुवा, श्री अभिजित बरुवा और श्री जे.एन. खाटनियार के जीवन-संघर्ष एवं प्रयासों के बारे में जानने की कोशिश कीजिए।
उत्तर: छात्रों को इन सभी असमिया उद्यमियों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए इंटरनेट, पुस्तकों, समाचार पत्रों और पत्रिकाओं का सहारा लेना चाहिए। इससे उन्हें प्रेरणा मिलेगी कि किस प्रकार स्थानीय लोग भी अपनी मेहनत और लगन से सफल उद्यमी बन सकते हैं।
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